Tuesday, December 31, 2024
पहला नजर का प्यार सत्यम और रानी की कहानी सच्ची कहानी
पहला नज़र का प्यार: सत्यम और रानी की कहानी
साल 2007। एक छोटा-सा शहर और उससे भी छोटा एक मोहल्ला। यहीं की एक बिल्डिंग में सत्यम अपने परिवार के साथ रहता था। सत्यम, तीसरी कक्षा का छात्र, एक साधारण और चंचल बच्चा। उम्र रही होगी 9-10 साल। उसकी दुनिया स्कूल, दोस्तों के साथ खेल-कूद और मां के हाथ के बने खाने तक ही सीमित थी। लेकिन इस मासूम बचपन में कुछ ऐसा हुआ, जिसने उसे एक नए एहसास से रूबरू कराया।
उन दिनों, उसी बिल्डिंग में रानी नाम की एक लड़की अपने परिवार के साथ रहने आई। रानी, बेहद खूबसूरत। उसकी बड़ी-बड़ी चमकदार आंखें और मासूम मुस्कान, जो किसी का भी दिल चुरा ले। सत्यम ने उसे पहली बार देखा, तो नज़रें बस वहीं थम गईं।
हर दिन, स्कूल से लौटने के बाद सत्यम जब अपने किचन में खाना गर्म करता, रानी ठीक सामने वाली सीढ़ियों पर आकर बैठ जाती। वो चुपचाप सत्यम को देखती रहती, और सत्यम अपनी नज़रें चुराते हुए उसकी तरफ कनखियों से देखता। दोनों के बीच कोई बात नहीं होती, लेकिन उनकी खामोश निगाहें बहुत कुछ कह जाती थीं।
सत्यम समझ नहीं पा रहा था कि ये क्या हो रहा है। आखिर वो बच्चा था, जिसे प्यार का मतलब भी नहीं पता था। लेकिन रानी की मौजूदगी उसके लिए खास बन गई थी। वो हर दिन स्कूल से जल्दी घर लौटने लगा, सिर्फ उसे देखने के लिए।
कई महीनों तक यह खामोश सिलसिला यूं ही चलता रहा। दोनों ने कभी एक-दूसरे से कुछ कहा नहीं, लेकिन उनकी निगाहों में एक गहरा जुड़ाव था।
फिर गर्मियों की छुट्टियां आ गईं। सत्यम अपने परिवार के साथ 20 दिनों के लिए गाँव चला गया। वहाँ का माहौल अलग था, लेकिन रानी की यादें उसके साथ थीं। वो सोचता था कि लौटकर उसे फिर से देखेगा और सब कुछ पहले जैसा होगा।
लेकिन जब छुट्टियां खत्म हुईं और सत्यम वापस लौटा, तो उसे रानी कहीं नजर नहीं आई। पहले दिन उसने सोचा कि शायद वह किसी काम में व्यस्त होगी। लेकिन जब कई दिन बीत गए और रानी नहीं दिखी, तो सत्यम बेचैन हो गया।
आखिरकार उसने अपनी माँ से पूछा, "माँ, रानी कहाँ है? वो अब सीढ़ियों पर क्यों नहीं आती?"
माँ ने कहा, "बेटा, रानी का परिवार इस बिल्डिंग से शिफ्ट हो गया। वो लोग किसी और शहर चले गए हैं।"
यह सुनते ही सत्यम का दिल बैठ गया। उस छोटी उम्र में भी, जब वो अपने भावनाओं को पूरी तरह समझ नहीं सकता था, उसने महसूस किया कि कुछ बेहद कीमती खो गया है।
सत्यम ने कई दिनों तक उन सीढ़ियों को देखा, लेकिन अब वो खाली थीं। वो खामोश पल, वो मासूम निगाहें, सब अब एक मीठी याद बनकर रह गए।
सालों बीत गए। सत्यम बड़ा हो गया, जिंदगी में आगे बढ़ा। लेकिन रानी की यादें उसके दिल में अब भी जिंदा हैं। वो पहली बार का एहसास, पहली बार किसी को देखकर धड़कते दिल का अहसास, वो कभी भुलाया नहीं जा सकता।
सत्यम अक्सर सोचता है, "क्या रानी मुझे अब भी याद करती होगी? क्या उसे भी वो पल याद होंगे?" शायद जवाब कभी न मिले, लेकिन बचपन का यह पहला प्यार, जो बिना किसी शब्दों के शुरू हुआ और बिना किसी अलविदा के खत्म हुआ, सत्यम की ज़िंदगी का हिस्सा हमेशा रहेगा।
यह कहानी सिर्फ सत्यम की नहीं, उन सभी लोगों की है जिन्होंने पहली नज़र के प्यार का मीठा दर्द महसूस किया है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Pyar (प्रेम) क्या है?
प्यार (प्रेम) एक ऐसा अनमोल और गहरा एहसास है, जो आत्मा और हृदय को जोड़ता है। हिंदू दर्शन में प्रेम को केवल एक भावना नहीं माना...
-
दो पल का प्यार: एक नजर में जन्मी प्रेम कहानी यह कहानी बिहार के महरैल गांव की है। महरैल एक छोटा-सा गांव है, जिसकी हर गली और ...
-
अनन्त प्रेम की कहानी: मित्रता से जीवनसाथी तक एक समय की बात है, भारत के एक छोटे से गांव में, राज और मीरा नाम के दो पड़ोसी रहते थ...
-
पहला नज़र का प्यार: सत्यम और रानी की कहानी साल 2007। एक छोटा-सा शहर और उससे भी छोटा एक मोहल्ला। यहीं की एक बिल्डिंग में सत्यम अप...
No comments:
Post a Comment